शहर से करीब 7 किलोमिटर दूर ग्राम नागदा में स्थित प्राचीन श्रीसिद्धी विनायक गणेश मंदिर पर बुधवार के दिन भक्तों का तांता लगता है। लेकिन इन दिनों गणेश उत्सव के चलते शहर सहित दूर-दूर से भगवान गणेश के भक्त अपनी मनोकामना पूर्ण करने के लिए श्रीसिद्धी विनायक गणेश मंदिर पहुंचते है। मान्यता है यहां जो भक्त यहां सच्चे मन से कोई मनोकामना मांगता है वह जरूर पूर्ण होती है। श्रीसिद्धी विनायक गणेश मंदिर नागदा में नीलकंठेश्वर महादेव मंदिर के पास है जहां पर भगवान गणेश की दुर्लभ प्राचीन प्रतिमा विराजित है। यह प्रतिमा लगभग 5 हजार वर्ष पुरानी है। यहां पर इस मूर्ति की प्राणप्रतिष्ठा कब हुई इस बारे में प्रमाणिक जानकारी का अभाव है। बताया जाता है कि यह गणेश भगवान की प्रतिमा प्राकृतिक रूप से प्रकट हुई है और राजा परीक्षित ने नागयज्ञ करके इस प्रतिमा की प्राण प्रतिष्ठा की थी इसके बाद से यहां मंदिर पर कई साधु संतों का जमावडा़ लगने लगा और साधु संतों ने तपस्या करके अनेक प्रकार की सिद्धियां प्राप्त की। दिनों दिन मंदिर पर श्रद्घालु भक्तों की भीड़ उमड़ती रहती है। गणेश मंदिर के साथ ही यहां पर नीलकंठेश्वर महादेव शिव भगवान का मंदिर और गणेश मंदिर से कुछ दूरी पर माता चामुण्डा और हनुमान जी का मंदिर भी है। भगवान गणेश मंदिर के पास ही एक बरगद का पेड़ है जिस पर भगवान गणेश की आकृति पूर्ण रुप से पेड़ पर उकरी हुई दिखाई देती है और इस आकृति के थोड़ा सा ऊपर पेड़ पर ही सांप का फन स्पष्ट दिखाई देता है। यहां आने वाले श्रद्धालु भक्त भगवान गणेश की प्रतिमा के साथ बरगद के पेड़ में उकरी हुई आकृतियों की भी पूजा अर्चना करते हैं।