मध्यप्रदेश की सत्ता से पूरे पंद्रह साल बाद बाहर रहने के बाद कांग्रेस ये समझ चुकी है कि, सत्ता में रहने के लिए साधु संतों को साध कर चलना जरूरी है. यानि कांग्रेस चाहे न चाहे उसे बीजेपी के हिंदुत्व के एजेंडे को गुपचुप तरीके से फॉलो करना ही पड़ रहा है. शायद इसलिए कांग्रेस सरकार प्रदेश में करवा रही है संत समागम. इस भव्य आयोजन में खुद कंप्यूटर बाबा और उनके शिष्य मुख्य रूप से शामिल होंगे. जाहिर सी बात है कि सरकार चलाने के लिए ढेर सारी दुआओं की जरूरत है. ऐसे में सरकार हर मोर्चे पर पूरी नजर रख रही है. खासतौर से साधु संतो के भोजन पर. जिसके लिए सीधे फूड इंस्पेक्टर्स की ही ड्यूटी लगा दी गई है. जो बकायदा खाने की क्वालिटी भी चैक करेंगे. और उसकी प्रिपरेशन पर भी नजर रखेंगे. विभाग के 9 अधिकारी और कर्मचारी 9 अलग अलग स्थानों पर भोजन व्यवस्था की कमान संभालेंगे. वो कहते हैं न कि दिल का रास्ता पेट से ही जाता है. तो भई साधु संतों के दिल में उतरने के लिए सरकार कोई कोर कसर नहीं छोड़ रही. फिर इनके कोप से डरना भी तो जरूरी है. कहीं श्राप दे दिया तो. वैसे भी सरकार में सब कुछ ठीक नहीं चल रहा है. इसलिए सरकार साधने के लिए सरकारी अफसरों का थोड़ा बहुत इस्तेमाल कर ही लिया जाए तो बुराई क्या है. न्यूज लाइव एमपी डॉट कॉम डेस्क.