प्रसिद्ध तीर्थ स्थल बावनगजा में हर साल के अनुसार इस साल भी भव्य मेले का आयोजन किया गया। जिसमें लगभग 8 से 10 हजार श्रद्धालु महामस्तकाभिषेक करने पहुंचे थे। इस दौरान ट्रस्ट ने 84 फीट ऊंची मूर्ति पर जलाभिषेक करने का नियम बनाया था। लेकिन कुछ लोगों ने नियमों के विपरीत जाकर मूर्ति पर सूखा कलर डालने का प्रयास किया। जिसके बाद वहां मौजूद स्वयंसेवकों और कलर डालने वालों के बीच विवाद हो गया। जिसमें कुछ श्रद्धालुओं को गहरी चोटें आई हैं। पीड़ित श्रद्धालुओं ने आरोप लगाते हुए कहा है कि कई मंदिरों में पंचामृत चढ़ाने की अनुमति भी है। लेकिन यहाँ मंदिर प्रशासन मनमानी कर रहा है। और सिर्फ जलाभिषेक की अनुमति ही मिल रही है। जबकि मंदिर प्रशासन का कहना है कि दूध दही शक्कर और अन्य वस्तु से अभिषेक करने पर उसमें मौजूद केमिकल के कारणों से प्राचीन मूर्तियों का क्षयकरण होता है जिसके चलते सिर्फ जल से ही अभिषेक करने की अनुमति दी गई है। वहीं पुलिस ने अज्ञात लोगों के खिलाफ मारपीट का मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है। और मारपीट करने वालों को जल्द ही गिरफ्तार करने की बात कही है।