दिल्ली में जैसे जैसे चुनाव नजदीक आ रहे हैं. वैसे वैसे चुनावी जुमलों और वादों की बौछार शुरू हो गई है. खासतौर से सीएम अरविंद केजरीवाल ने तो नए नए वादों की थोक दुकान ही खोल ली है. जहां खड़े होते हैं वहां एक वादा टिका कर आ जाते हैं. इससे पहले वो स्कूल फीस भरने और महिलाओं को मुफ्त यात्रा करने जैसी घोषणाएं तो कर ही चुके हैं. इस बार उन्होंने एक नया वादा उछाल दिया है. इसे सुनकर आप भी यही कहेंगे कि अरे ये तो नामुमकिन है. केजरीवाल ने हाल ही में प्रदूषणमुक्त दिल्ली देने का वादा किया है. अब ये तो कोई भी कह सकता है कि इस वादे में कोई दम नहीं है. क्योंकि दिल्ली को इतनी आसानी से जीरो पॉल्यूशन पर लाना आसान नहीं है. और फिर केजरीवाल के पुराने प्रयास भी कोई खास कमाल नहीं दिखा सके हैं. ऑड ईवन फॉर्मूले से काफी हद तक पॉल्यूशन कम तो हुआ लेकिन पूरी तरह खत्म नहीं हुआ. दूसरा पराली जलाने का भी कोई विकल्प अब तक खोजा नहीं जा सका है. तीसरा दिल्ली में हो रहे कंस्ट्रक्शन वर्क ही दिल्ली की हवा के दुश्मन बने हुए हैं. ऐसे में केजरीवाल का ये वादा पूरा होगा इस पर संशय होना लाजमी है.