कुछ ही दिन पहले की एक तस्वीर याद होगी आपको. कांग्रेस नेता प्रियंका गांधी हर हाल में यूपी में हो रहे उपद्रव के पीड़ित से मिलने जा रही थीं. गाड़ी छोड़ी, रास्ता बदला और फिर टू व्हीलर पर सवार हो कर मंजिल तक पहुंची. प्रियंका के इस एक्ट से तो यही लगता है कि वो पीड़ितों और मजलूमों के जख्मों पर मरहम लगाना चाहती हैं. लेकिन मायावती ने ऐसा सवाल उठाया है जिसे सुनकर ऐसा लगेगा कि नहीं प्रियंका के इरादे तो कुछ और हैं. राजस्थान के कोटा के जेके लोन अस्पताल में नवजात बच्चों की मौत हो रही है. आंकड़ा तेजी से बढ़ रहा है. अब तक ये आंकड़ा एक ही महीने में सौ बच्चों की मौत तक पहुंच चुका है. पर इस गंभीर विषय पर कांग्रेस का कोई बड़ा नेता राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत से बात नहीं कर रहा. लेकिन बसपा सुप्रीमो मायावती इस बार चुप नहीं बैठीं. प्रियंका पर निशाना साधते हुए उन्होने कहा कि ‘कांग्रेस पार्टी के शीर्ष नेतृत्व और खासकर महिला महासचिव की इस मामले में चुप्पी साधे रखना बेहद दुःखद है. अच्छा होता कि वो यूपी की तरह उन गरीब पीड़ित मांओं से भी जाकर मिलतीं, जिनकी गोद केवल उनकी पार्टी की सरकार की लापरवाही के कारण उजड़ गई हैं. अगर कांग्रेस की महिला राष्ट्रीय महासचिव राजस्थान के कोटा में जाकर मृतक बच्चों की मांओं से नहीं मिलती हैं, तो यहां अभी तक किसी भी मामले में यूपी पीड़ितों के परिवार से मिलना उनका यह सिर्फ राजनैतिक स्वार्थ और नाटकबाजी ही मानी जाएगी, जिससे यूपी की जनता को सर्तक रहना है.’ मायावती ने उत्तरप्रदेश की जनता को चेताने कोशिश की है कि वो कांग्रेस के किसी पॉलीटिकल स्टंट में न फंसे.