सुनने में भले ही अजीब लगे पर यह सच है जी हाँ सीहोरा का हाईस्कूल साल 2002 में स्वीकृत हुआ था पर अब तक स्कूल का भवन नहीं बन पाया है। जिसके कारण मिडिल स्कूल में ही हाईस्कूल की कक्षाएँ लग रही हैं। मिडिल स्कूल भी गांव के बीचोबीच मेन रोड पर बना हुआ है। स्कूल प्रांगण में ना ही खेल ग्राउंड है और ना ही पर्याप्त कमरे हैं। जिससे छात्रों को खासी परेशानी का सामना करना पड़ता है। वहीं जब इस मामले पर जिला शिक्षा अधिकारी से पूंछा गया तो उन्होंने बताया कि पहले राशि स्वीकृत हुई थी पर उसे भी वापस ले लिया गया है। अब जैसे ही सरकार राशि दे देती है। हम जमीन तलाश कर स्कूल का निर्माण शुरू कर देंगे। जबकि स्कूल के प्राचार्य का कहना है कि मैने जब से प्रभार संभाला है तब से ही स्कूल में भवन व होने की बात कह रहा हूँ। पर संबंधित अधिकारी कोई कार्रवाई नहीं कर रहे हैं।