सरकार में बैठे लोगों का निजी स्वार्थ किस तरह आम जन का जीवन तबाह कर देता है। इसका जीता जागता उदाहरण हैं मध्यप्रदेश के व्यायाम शिक्षाकर्मी। इन शिक्षाकर्मियों को 1998 में पुनः नियुक्ति मिलने वाली थी। पर सत्ता परिवर्तन के चलते आई भाजपा सरकार ने इन व्यायाम शिक्षाकर्मियों की समस्याओं को अनदेखा किया। और अपनी मर्जी के लोगों की नियुक्ति करवाई। इस दौरान सरकार ने नियमों में भी जमकर बदलाव किए। जिसके कारण अभी तक इन शिक्षाकर्मियों को नियुक्ति नहीं मिली है। पर अब सत्ता परिवर्तन के बाद इन लोगों की उम्मीदें फिर से जगी हैं। और शिक्षाकर्मियों ने खरगोन दौरे पर आए मध्यप्रदेश कैबिनेट कृषि मंत्री सचिन यादव को ज्ञापन सौंपा है। जिसमें व्यायाम शिक्षाकर्मियों ने मांग की है कि 20 वर्षों से पुनः नियुक्ति के लिए भटक रहे व्यायाम शिक्षाकर्मियों को पुनः नियुक्त किया जाए।