अमित शाह को मिली राहत?

ग्वालियर जिला न्यायालय ने भाजपा अध्यक्ष अमित शाह के खिलाफ याचिका को खारिज कर दिया है…….दरसल उन पर अरोप था की उन्होंने राष्ट्रपिता महात्मा गांधी को चतुर बनिया कहा है.. । न्यायालय ने कहा है कि याचिकाकर्ता ने इसके लिए संसदीय कार्य विभाग से उचित अनुमति नहीं ली क्योंकि अमित शाह राज्यसभा सांसद भी है। इसके अलावा याचिकाकर्ता कथित वक्तव्य के दौरान मौके पर मौजूद नहीं थे। सिर्फ मीडिया रिपोर्ट के आधार पर परिवाद दायर किया गया है। हालांकि परिवाद दायर करने वाले अधिवक्ता ने निचली कोर्ट के इस फैसले को हाईकोर्ट में चुनौती देने की बात कही है। दरअसल ग्वालियर में प्रैक्टिस करने वाले अधिवक्ता उमेश बोहरे ने 10 जून 2017 को रायपुर के मेडिकल ऑडिटोरियम में भाजपा सुप्रीमो अमित शाह के उस बयान का हवाला दिया था। जिसमें उन्होंने महात्मा गांधी को चतुर बनिया कहा था। अधिवक्ता का कहना था कि राष्ट्रपिता महात्मा गांधी का कद अंतरराष्ट्रीय स्तर का था उन्हें किसी जाति धर्म और क्षेत्रवाद में नहीं बांधा जा सकता। ऐसा करना अपराध की श्रेणी में आता है। लेकिन एडीजे कोर्ट ने अधिवक्ता के दायर परिवाद को उचित नहीं मानते हुए उसे खारिज कर दिया है….।

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