वैसे तो पूर्व केंद्रीय मंत्री और मध्यप्रदेश कांग्रेस के वरिष्ठ नेता सुरेश पचौरी के हाथ में लोकसभा चुनाव प्रबंध समिति की कमान है लेकिन खुद कांग्रेस कार्यकर्ता और पदाधिकारी दबी जबान से आरोप लगा रहे हैं कि पचौरी चुनाव प्रबंधन कम और बिगाड़ने में ज्यादा इंट्रेस्ट दिखा रहे हैं। लोगों का कहना है कि सुरेश पचौरी एंड कंपनी पूरी तरह मध्यप्रदेश में कमलनाथ की छवि खराब करने और भोपाल उम्मीदवार दिग्विजय सिंह को हराने के लिए काम कर रही है। इसके कई उदाहरण सामने आए हैं जब सुरेश पचौरी के प्रभाव वाले इलाकों में दिग्विजय सिंह के जनसंपर्क और प्रचार को असफल करने की कोशिश की गई। कांग्रेस में जनसंपर्क की कमान संभाल रहीं शोभा ओझा पर भी सरकार की छवि खराब करने के आरोप लग रहे हैं। कांग्रेसियों का कहना है कि सुरेश पचौरी के कारण ही कांग्रेस की सरकार को सत्ता में आने में इतना समय लग गया और अभी भी वो दिग्विजय सिंह से पुरानी दुश्मनी भुनाने में लगे हुए हैं। बीजेपी को अंदरूनी जानकारी पहुंचाई जा रही है और कांग्रेस की रणनीतियों की पल-पल की खबर और उसकी काट भी विरोधी पक्ष तक पहुंचाने में इसी गुट का हाथ बताया जा रहा है। अंदरूनी सूत्रों के मुताबिक पचौरी खुद तो कोई चुनाव नहीं जीते हैं और वे नहीं चाहते कि दिग्विजय सिंह भोपाल लोकसभा जीतकर फिर से पावरफुल बन जाएं। सूत्रों का कहना है कि 2008 के विधानसभा चुनावों में सुरेश पचौरी गुट ने विज्ञापनों में जमकर घोटाला किया था वहीं शिवराज चौहान से मिलकर टिकट बंटवारे में भी मनमानी की थी और टिकट बेचे गए थे वही काम इस बार सुरेश पचौरी के नक्शे कदम पर चलते हुए शोभा ओझा कर रही हैं और विधानसभा चुनावों में भी विज्ञापन घोटाला किया गया और लोकसभा चुनाव में भी किया जा रहा है। अब तो कांग्रेसी खुलकर कहने लगे हैं कि अगर मध्यप्रदेश में कमलनाथ की सरकार की छवि खराब होने, सरकार और कांग्रेस की रणनीतियों का खुलासा होने के पीछे और अगर दिग्विजय सिंह हारते हैं तो उसके पीछे सुरेश पचौरी एंड कंपनी का हाथ होगा।