कांग्रेस छोड़कर बीजेपी में आए सिंधिया समर्थक प्रद्युम्न सिंह तोमर अब बिजली विभाग के मंत्री हैं. मंत्री बनते ही बिजली कटौती की बातें तोमर को 440 वोल्ट का झटका दे रही हैं. ये वही तोमर हैं जो कांग्रेस में थे तब बिजली कटौती के खिलाफ कई आंदोलन कर चुके हैं. एक बार तो बिल नहीं भरने वालों के कनेक्शन कटने पर खुद खंबे पर चढ़ कर उनके कनेक्शन जोड़ चुके हैं. इस पर कार्रवाई का शिकार भी हुए. और अब जब खुद बिजली मंत्री बन चुके हैं तब कटौती के नाम से ही उन्हें करंट लग रहा है. मामला ग्वालियर का है. बतौर प्रदेश के ऊर्जा मंत्री पदभार ग्रहण करने के बाद तोमर पहली बार ग्वालियर पहुंचे और पत्रकारों से चर्चा भी की. निर्देश भी दिए कि ग्वालियर में किसी भी घर में रोशनी टिमटिमाना नहीं चाहिए बल्कि बल्ब अच्छे से चमकना चाहिए. इस बीच बिजली कटौती पर सवाल हुआ तो झट से सवाल बदल दिया. कहा बिजली कटौती नहीं होती वो मेंटेनेन्स का काम होता है. भई वाह तोमर साहब मंत्री बनते ही आपको ये समझ आ गया कि बिजली कटौती की जरूरत क्यों है. पर इतने आंदोलन कर चुके हैं कि मान नहीं सकते तो कटौती को मेंटेनेंस का नाम दे दिया. उपचुनाव से पहले ये पैंतरा भी बढ़िया है.
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