छुपे रूस्तम निकले Premchand guddu, Scindia नहीं ये है BJP छोड़ने की असली वजह

कांग्रेस और बीजेपी के बीच झूला झूल रहे प्रेमचंद गुड्डु इतने सीधे भी नहीं है जितने बन रहे हैं. पार्टी से वफादारी की बातें. मौका परस्ती करने के इल्जाम, दूसरे नेताओं पर लगा कर गुड्डू अपनी वफादारी साबित करने की कोशिश में हैं. पर हकीकत तो ये है कि गुड्डू जिन नेता पर ये इल्जाम लगा रहे हैं. खुद मौका भांप कर कदम रखने में उनसे कहीं ज्यादा तेज हैं. अब आप कहेंगे वो कैसे तो जरा प्रेमचंद गुड्डू के उस लैटर को दोबारा पढ़िए. जो हाल ही में उन्होंने बीजेपी को लिख भेजा है. ये बता कर वो तो फरवरी में ही बीजेपी छोड़ चुके थे. लेटर में पार्टी छोड़ने की वजह बताई है कि कोरोना से निपटने की जगह बीजेपी ऑपरेशन लोटस में जुटी थी. इसलिए गुड्डू को पार्टी छोड़ना मुनासिब लगा. पर प्रेमचंद गुड्डू के जरिए नैतिकता की इतनी सारी बातें कैसी लगती हैं जो ये जानते हहैं कि गुड्डू ने कब कब और क्यों दल बदले. और फरवरी में भी जो दल बदलने की कोशिश की वो इसलिए नहीं कि बीजेपी की बात उन्हें पसंद नहीं आई. बल्कि इसलिए क्योंकि कांग्रेस में उन्हें नया मौका नजर आने लगा. दरअसल आगर मालवा विधायक मनोहर ऊंटवाल का जनवरी में निधन हो गया. गुड्डू ये भांप गए कि यहां जल्द ही चुनाव होने है. कांग्रेस से पहले भी विधायक रह चुके प्रेमचंद को लगा कि बीजेपी से तो टिकट मिलना मुश्किल है शायद दाल कांग्रेस में गल जाए. इसलिए बीजेपी का दामन छोड़ दिया. हालांकि अब तक वो कांग्रेस में शामिल नहीं हो सके हैं. पर कमलनाथ का भरोसा जीतने के लिए ही सिंधिया के विरोध में नारे लगा रहे हैं. अब इसका उन्हें कितना फायदा मिलता है. ये देखना भी दिलचस्प होगा.

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