कांग्रेस को एक और झटका लगा है. नेपानगर से विधायक सुमित्रा देवी कासडेकर ने विधायकी से इस्तीफा दे दिया है. अब कांग्रेस के कुल 26 विधायक इस्तीफा दे चुके हैं. और दो सीटें निधन से खाली हैं. दूसरी तरफ ये सुगबुगाहटें जारी हैं कि कुछ और विधायक कांग्रेस छोड़ बीजेपी में शामिल होंगे. आपको बता दें कि इससे पहले 22 सिंधिया समर्थक और दो अन्य कांग्रेस विधायक इस्तीफा देकर बीजेपी में शामिल हो गए थे. इसके बाद दो अन्य विधायकों ने भी हाल ही में इस्तीफा दिया है. ऐसे हालात में कांग्रेस का एक धड़ा मध्यावधि यानि पांच से पहले ही विधानसभा चुनाव कराने की पैरवी करने लगा है. और ऐसे हालात तलाश रहा है जिसमें दोबारा चुनाव करवाए जा सकें. हालांकि कांग्रेस के लिए ये बहुत आसान नहीं है. आसान इसलिए नहीं है कि कांग्रेस अल्पमत है. इसलिए कांग्रेस मध्यावधि चुनाव की मांग नहीं कर सकती. कांग्रेस तो अब इतनी मजबूर हो चुकी है कि उसके सभी के सभी विधायक इस्तीफा दे दें तो भी मध्यावधि चुनाव तक प्रदेश को नहीं ले जा सकती. क्योंकि सरकार का गठन उसके बाद भी हो सकता है. बीजेपी बहुमत साबित कर सरकार बना सकती है और चाहें तो मध्यावधि चुनाव करवा सकती है. मध्यावधि चुनाव सिर्फ एक सूरत में हो सकते हैं जब राज्यपाल विधानसभा भंग कर दें या फिर इसे शून्य घोषित कर दें. इसकी भी संभावनाएं बहुत कम है. ऐसे में कांग्रेस के पास सिवाय खून के घूंट पीने के कोई और चारा नहीं बचा है.
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