ग्वालियर में रानी लक्ष्मीबाई की समाधि पर लगा बलिदान मेला

डॉ. सुनीता गोदारा को मिला वीरांगना सम्मान रामलाल सहित कई वरिष्ठ बीजेपी नेता हुए शामिल MP सरकार ने 3 दिन पहले किया आयोजन

1857 की क्रांति की नायिका और झांसी की रानी लक्ष्मीबाई के 161वे शहादत दिवस पर ग्वालियर में उनकी समाधि स्थल पर मंगलवार शाम बलिदान मेले का आयोजन किया गया। इस मेले में प्रसिद्ध धाविका डॉ सुनीता गोदारा को वीरांगना सम्मान से नवाजा गया। इसके साथ ही इस अवसर पर झांसी की रानी महारानी लक्ष्मी बाई के जीवन पर आधारित जीवन महानाट्य का आयोजन किया गया। इस आयोजन को देखने के लिए बड़ी संख्या में शहर और आसपास के अंचल के लोग भी पहुंचे। इस कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के तौर पर बीजेपी के राष्ट्रीय संगठन महामंत्री रामलाल ,प्रदेश प्रभारी सुहास भगत,ग्वालियर सांसद विवेक नारायण शेजवलकर, भिंड सांसद संध्या राय, गुना सांसद डॉ के पी यादव सहित कई पूर्व मंत्री कार्यक्रम में सम्मिलित हुए। कार्यक्रम को संबोधित करते हुए मुख्य अतिथि रामलाल ने कहा कि जय भान सिंह पवैया द्वारा बहुत ही अच्छा कार्य किया जा रहा है कि शहीदों की स्थली पर मेले लगाए जा रहे हैं इस तरह के आयोजनों से युवा पीढ़ी भारत के बलिदानी इतिहास को समझ पाती है साथ ही उन्होंने कहा कि वह चाहते हैं कि इस मेले की पहचान राष्ट्रीय स्तर पर बने। कार्यक्रम को संबोधित करते हुए आयोजक जयभान सिंह पवैया ने कहा कि 20 साल पहले इस मेले को शुभारंभ करने के पीछे उनका उद्देश्य ही था कि जो युवा पीढ़ी भारतीय इतिहास को भूलती जा रही है और गलत दिशा में भटक रही है वह यह जाने कि भारत को आजादी यूं ही नहीं मिली है बल्कि इसके लिए कई वीर और वीरांगनाओं ने अपने प्राणों की आहुति की है। मध्य प्रदेश सरकार द्वारा 3 दिन पहले इसे अपना आयोजन बता कर बलिदान मेला आयोजित करने की बात कहने से पवैया खासे नाराज नजर आए उन्होंने कहा कि वह 20 साल से मिला लगाते आ रहे हैं यह आयोजन सरकारी ना होकर बल्कि ग्वालियर वासियों का आयोजन है पिछले कुछ सालों से सरकार केवल वीरांगना सम्मान के आयोजन में ही शामिल होती थी लेकिन इस बार सरकार ने जो विघ्न पैदा करने की कोशिश की है वह कतई ठीक नहीं है यह झांसी की रानी की शहादत का अपमान है। साथ ही उन्होंने कहा कि वह किसी कंट्रोवर्सी में नहीं पड़ना चाहते हैं वह तो इतना चाहते हैं कि झांसी की रानी की समाधि पर हर वर्ष मेला लगता रहे। यदि आने वाले समय में सरकार ने इस दिशा में कोई अड़चन पैदा की तो वह खुद समाधि स्थल पर बैठकर मेले का आयोजन करते रहेंगे। इस कार्यक्रम में वीरांगना सम्मान से सम्मानित की गई डॉ सुनीता गोदारा का कहना है कि यह सम्मान मिलना मेरे लिए बहुत बड़ी उपलब्धि है मैं पूरी कोशिश करूंगी यह सम्मान का मान रखो और अपने सभी साथियों को झांसी की रानी सहित अन्य वीरांगनाओं की शहादत के बारे में बता सकूं। गौरतलब है कि जय भान सिंह पवैया इस मेले का आयोजन पिछले 20 सालों से कर रहे हैं। यह कार्यक्रम दो दिवसीय कार्यक्रम होता है पहले दिन जहां विभिन्न प्रतियोगिताएं आयोजित की जाती हैं और दूसरे दिन रानी के शहादत वाले दिन महानाट्य का आयोजन किया जाता है। इसके साथ ही हर वर्ष इसी ख्याति नाम महिला को वीरांगना सम्मान दिया जाता है और उसके बाद राष्ट्रभक्ति से ओतप्रोत अखिल भारतीय कवि सम्मेलन का भी आयोजन किया जाता है।

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