इंदौर में एक कार्यक्रम के दौरान गिरने से चिकित्सा शिक्षा मंत्री विजयलक्ष्मी साधौ के हाथ में फ्रेक्चर हो गया। इंदौर में प्रदेश के सबसे बड़े सरकारी अस्पताल और कई निजी अस्पताल होने के बावजूद साधौ ने इलाज के लिए दिल्ली जाने की इच्छा जताई और मुख्यमंत्री कमलाथ ने उन्हें एयरलिफ्ट करवाके दिल्ली एम्स में इलाज के लिए भेजा। विजयलक्ष्मी साधौ का एक वीडियो भी सामने आया है जिसमें वो कह रही हैं कि मैं ठीक हूं, मुझे कुछ नहीं हुआ है, हल्का सा फ्रैक्चर है, वो ठीक हो जाएगा। ऐसे में सवाल उठ रहे हैं कि इंदौर को एमपी का मेडिकल हब कहा जाता है, और भोपाल में भी एम्स अस्पताल है तो क्या साधौ के फ्रेक्चर का इलाज एमपी के किसी अस्पताल में नहीं किया जा सकता था या साधौ को प्रदेश के डाक्टरों को भरोसा ही नहीं है। जब प्रदेश की चिकित्सा शिक्षा मंत्री ही अपने डाक्टरों पर भरोसा नहीं कर रही हैं तो बाहर के मरीज यहां क्यों इलाज करवाने आएंगे और मेडिकल टूरिज्म को कैसे बढ़ावा मिलेगा।