सत्ता इसी का नाम है जिसके पास ताकत होती है भगवान भी वही बन जाते हैं । और जिसे ताकत चाहिए होती है वह भगवान को बदलने में देर नहीं लगाते। अब इमरती देवी को ही ले लीजिए कुछ महीने पहले तक वह यही बात बोलती रही कि जो महाराज सिंधिया बोलेंगे वही हम करेंगे । कई बार तो उन्होंने स्टेटमेंट भी दिया कि महाराज ज्योतिरादित्य सिंधिया हमारे भगवान हैं। उनके एक इशारे पर सत्ता भी छोड़ दी , जीता जीता या पद छोड़ दिया। पर अब सत्ता में वापसी के लिए छटपटा रही है, शायद इसलिए उन्होंने अपने भगवान बदल लिए हैं। एक बार फिर खबर आई है कि इमरती देवी बीजेपी नेता कैबिनेट मंत्री नरोत्तम मिश्रा से मिलने पहुंची। मामला पहुंची मामला था कैबिनेट का। जाहिर सी बात है कमलनाथ सरकार छोड़ने के बाद से सिर्फ इमरती देवी ही नहीं सारे सिंधिया समर्थक चाहते है कि उसे कैबिनेट में जल्द से जल्द जगह मिले ताकि वह उपचुनाव में जीत का दम भर सकें। अब तक तो महाराज पर भरोसा था कि उनके होते हुए जरूर मिलेगा नरोत्तम मिश्रा से भी इस संबंध में मुलाकात कर रही है। तो क्या इसका यह मतलब है कि आप इमरती देवी को ज्योतिरादित्य सिंधिया पर भरोसा नहीं है। उनसे ज्यादा भरोसा नरोत्तम मिश्रा पर है। हालांकी मिश्रा ने भी यही कहा कि कैबिनेट विस्तार कब होगा और कैबिनेट में कौन कौन होगा इसका फैसला शिवराज सिंह चौहान ही करेंगे।