ज्योतिरादित्य सिंधिया को हारने का दुख तो है!

​शिवपुरी में ज्योतिरादित्य सिंधिया का एक अलग ही रूप देखने को मिला… दलित परिवार के बच्चों की पिटाई के बाद हुई मौत के बाद ​सिंधिया ने पीड़ित परिवारों को घर दान किया है… कार्यकर्ताओं से चर्चा करते हुए एक समय सिंधिया भावुक हो गए और कहा कि नतीजे से दिल में दुःख तो है… पर मैं क्षेत्र के लिए अपना काम करता रहूंगा… मेरी जितनी हैसियत उतना काम कर रहा हूँ…बस इतना कह सकता हूँ कि आप लोग मुझसे कुछ कमी नहीं पाओगे…. लोग मानने लगे हैं कि हारने का दुख तो सिंधिया को है और कांग्रेस अध्यक्ष ना बनने का मलाल भी कहीं ना कहीं जेहन में है… सिंधिया की सक्रियता को भी लोग इसी ओर एक कदम मान रहे हैं….न्यूजलाइवएमपी के लिए परानिधेश भारद्वाज की रिपोर्ट

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