मध्यप्रदेश में कांग्रेस की कमान वाली कमलनाथ सरकार का हाल वो हो रहा है कि अब दबी जुबान में ही सही कांग्रेस नेता भी ये कहने लगे हैं कि कमलनाथ का बदलना अब जरूरी है. कांग्रेस के सियासी हलकों में खबर है कि कमलनाथ का नेतृत्व अब भी पार्टी के विधायक ही स्वीकार नहीं कर पा रहे हैं. पहले तो 22 विधायक पार्टी छोड़ गए उसी सदमें से कांग्रेस अब तक उभर नहीं सकी है. हाल ही में दो विधायकों ने फिर पार्टी बदल ली. इन सबके बावजूद कमलनाथ का व्यवहार बिलकुल नहीं बदला है. वो न तो युवा टीम को मौका दे पा रहे हैं.न अपने चंद समर्थकों की सलाह से बाहर निकल पा रहे हैं. कांग्रेस के पुराने जानकारों का भी मानना है कि खुद राहुल गांधी ने जीतू पटवारी, उमंग सिंगार, मिनाक्षी नटराजन, कमलेश्वर पटेल जैसे युवा नेताओं की टीम बनाई थी. पर इस टीम को भी कमलनाथ ने इतना मौका नहीं दिया कि वो उभर कर सामने आ सके. इसके बदले कमलनाथ ने अपने पुराने समर्थक सज्जन सिंह वर्मा जैसे नेताओं को ही बार बार मौका दिया है. जबकि इन नेताओं के समर्थकों की संख्या भी पार्टी में न के बराबर है. दिग्विजय सिंह आज भी कमलनाथ से ज्यादा जमीनी और कार्यकर्ताओं से जुड़े नेता माने जाते हैं. लेकिन धीरे धीरे कमलनाथ उन्हें भी अलग थलग करते जा रहे हैं. जिसके बाद पार्टी के कुछ नेता बार बार उन्हें यही इशारा कर रहे हैं कि अब बदल जाना चाहिए. विधायक उमंग सिंगार का ट्वीट भी शायद इसी ओर इशारा कर रहा है. जिसमें उन्होंने लिखा था कि आज का वक्त खुद को नेता बनाने का नहीं पार्टी और संगठन को मजबू करने का है. पर ये बात समझने में जितनी देर होती जाएगी. कांग्रेस और कमलनाथ दोनों को उतना ज्यादा नुकसान होता जाएगा. #mpnews #newslivemp #kamalnath #rahulgandhi #bjp #congress