सरकार, सत्ता और कुर्सी ऐसी ही चीज है. जब कब किसी को पलटने पर मजबूर कर दे कहा नहीं जा सकता. अभी दो दिन पहले तक मुख्यमंत्री कमलनाथ के घर के चक्कर काट रहे मैहर विधायक नारायाण त्रिपाठी ने जबरदस्त यू टर्न लिया है. ये वही नारायण त्रिपाठी हैं जो राज्यपाल के सामने फ्लोर टेस्ट में भी मौजूद नहीं थे. वो कमलनाथ सरकार के इस्तीफे के तुरंत बाद बीजेपी की भाषा बोलते नजर आए. त्रिपाठी ने कहा कि मैं बीजेपी के साथ हूं और रहूंगा. शायद तख्ता पलट होने के बाद त्रिपाठी को अपने पुराने दल में ही बंध कर रहना मुनासिब लगा. लेकिन ब्यौहारी विधायक शरद कोल इतने खुशनसीब नहीं निकले. कुछ दिन पहले कोल का वीडियो वायरल हुआ था जिसमें कोल बीजेपी में आस्था जाहिर कर रहे थे. लेकिन सब लोग चौंके तब जब विधानसभा स्पीकर ने जानकारी दी कि दूसरे बागी विधायकों की तरह कोल का इस्तीफा भी स्वीकार कर लिया गया है. जो उन्होंने 17 मार्च को लिखा था.
बाइट- एनपी प्रजापति, अध्यक्ष, विस
जब तक कोल को समझ आती तब तक देर हो चुकी थी. बाद में कोल ने इस्तीफे का खंडन भी किया. पर कोई फायदा नहीं हुआ. उनका इस्तीफा स्वीकार हो चुका था. लिहाजा अब कोल का विधानसभा क्षेत्र भी उस फेहरिस्त का हिस्सा बन चुका है जहां विधानसभा उपचुनाव होने हैं. यानि अब न चाहते हुए भी कोल को उपचुनाव लड़ना पड़ेगा. जीते तो विधानसभा में वापसी और हारे तो फिर क्या होगा ये तो सब ही जानते हैं.