कर्नाटक के बाद मध्यप्रदेश में होगा ऑपरेशन लोटस?

कर्नाटक में कांग्रेस और जेडीएस के विधायकों और मंत्रियों के इस्तीफों के बाद पैदा हुए राजनैतिक संकट का आफ्टर इफेक्ट मध्यप्रदेश में भी देखे जाने की संभावना जताई जा रही है। कर्नाटक के सियासी नाटक की वजह से सीएम एचडी कुमारस्वामी की सरकार के अल्पमत में आने का खतरा पैदा हो गया है और सरकार गिरने की अटकलें लगाई जा रही है। इस पूरे मामले में बीजेपी पर हॉर्स ट्रेडिंग जैसी सियासी चालों के आरोप लग रहे हैं। कुछ ऐसा ही मामला मध्यप्रदेश में भी बन सकता है, मध्यप्रदेश में भी बीजेपी के कई नेता लोकसभा चुनाव के पहले से ही जब-चाहें तब कमलनाथ सरकार को गिराने के दावे करते आ रहे हैं। अब चूंकि मध्यप्रदेश विधानसभा का सत्र शुरू हो चुका है तो माना जा रहा है कि बीजेपी अपने इस दावे को सच साबित करने की कोशिश कर सकती है। गौरतलब है कि मंत्री नहीं बनाए जाने से कई विधायक सीएम कमलनाथ से नाराज हैं। इनमें निर्दलीय सुरेंद्र सिंह शेरा के अलावा बीएसपी की रामबाई परिहार तो शामिल हैं हीं सूत्रों का कहना है कि खुद कांग्रेस के कई विधायक ऐसे हैं जो मंत्री नहीं बनाए जाने पर सरकार की मुखालफत कर सकते हैं। सियासी जानकारों का कहना है कि विधानसभा सत्र के ये कुछ दिन कमलनाथ सरकार के लिए अग्निपरीक्षा वाले साबित हो सकते हैं। विपक्षी दल बीजेपी के विधायक सदन में हर मुद्दे पर सरकार को घेरने की कोशिश करेंगे। विपक्ष की कोशिश रहेगी कि हर मुद्दे पर मत विभाजन कराया जाए और ऐसे में अगर किसी मत विभाजन में कोई विधेयक गिर जाता है तो सरकार की किरकिरी तो होगी ही, उसके अस्तित्व पर भी संकट खड़ा हो सकता है।

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