भोपाल लोकसभा सीट पर जहां बीजेपी ने साध्वी प्रज्ञा ठाकुर को उम्मीदवार बनाकर वोटों को ध्रुवीकऱण की कोशिश की है वहीं कांग्रेस इसकी काट के लिए अपनी पार्टी के समर्थक बाबाओं को आगे करने में जुट गई है। कमान संभाली है बीजेपी सरकार में राज्य मंत्री का दर्जा पाए कंप्यूटर बाबा ने जो अब कांग्रेस के पाले में हैं। वहीं दिग्विजय सिंह के गुरू शंकराचार्य स्वरूपानंद सरस्वती ने भी साध्वी प्रज्ञा को फर्जी साध्वी बताते हुए उसके खिलाफ बयान दिया था। कंप्यूटर बाबा का कहना है कि दिग्विजय को साधु-संतों का पूरा समर्थन मिला हुआ है इस बार चुनाव में वे धर्म विरोधी भाजपा को रोकने की कोशिश करेंगे। कांग्रेस को पता है कि बीजेपी धर्म के मुद्दे पर वोटों का ध्रुवीकरण कर सकती है और साध्वी के समर्थन में संत समाज और संत समाज के पीछे उनके भक्तों की फौज बीजेपी को फायदा पहुंचा सकती है इसलिए कंप्यूटर बाबा और दूसरे कांग्रेस समर्थित साधु संतों के जरिए भोपाल के चुनाव को धर्म और अधर्म की लड़ाई बनने और साध्वी का पलड़ा भारी होने से रोकने की कोशिश की जा रही है।