– गोंडवाना गणतंत्र पार्टी के पूर्व विधायक मनमोहन शाह बट्टी ने बीजेपी में शामिल होने और बीजेपी के टिकट पर छिंदवाड़ा से लोकसभा चुनाव लड़ने का ऐलान किया था। बट्टी ने बाकायदा मीडिया के लोगों को बुलाकर इस बात का ढिंढोरा पीटा था की वे जल्द ही बीजेपी में शामिल होने जा रहे हैं और बीजेपी उनको छिंदवाड़ा से लोकसभा उम्मीदवार बना रही है। बट्टी का दावा था कि आदिवासी होने के कारण उनको छिंदवाड़ा में फायदा मिलेगा लेकिन बीजेपी ने छिंदवाड़ा से अपनी ही पार्टी के आदिवासी नेता नत्थन शाह को लोकसभा का टिकट दे दिया और बट्टी को पार्टी में तक शामिल नहीं किया। दरअसल बट्टी ने मीडिया में बयानबाजी करके अपने ही पैरों पर कुल्हाड़ी मार ली। बट्टी की बयानबाजी के बाद से ही छिंदवाड़ा बीजेपी में विरोध के सुर बुलंद होने लगे थे और पार्टी के कई आदिवासी नेताओं ने पार्टी के वरिष्ठ नेताओं से संपर्क साधकर कहा था कि अगर आदिवासी नेता को टिकट देना है तो पार्टी के भीतर से ही दो। इसके बाद बीजेपी ने बट्टी को पार्टी में शामिल करना होल्ड कर दिया और संघ से जुड़े नत्थन शाह को टिकट दे दिया। हालांकि सूत्रों का कहना है कि अभी भी बट्टी ने हार नहीं मानी है। बट्टी ने छिंदवाड़ा लोकसभा के लिए निर्दलीय के रूप में नामांकन फार्म खरीद लिया है। वहीं बीजेपी के भी संपर्क में बने हुए हैं। सूत्रों के मुताबिक बट्टी भोपाल में बीजेपी के वरिष्ठ पदाधिकारियों से मुलाकात कर रहे हैं और अभी भी पार्टी में शामिल होने की संभावनाएं बनाए हुए हैं। अब देखना है कि क्या बीजेपी बट्टी को पार्टी में शामिल करवाती है या बट्टी छिंदवाड़ा से निर्दलीय लोकसभा चुनाव लड़ते हैं क्योंकि गोंडवाना गणतंत्र पार्टी के दादा हीरासिंह मरकाम ने कांग्रेस से हाथ मिला लिया है और बट्टी कांग्रेस का विरोध कर ही चुके हैं ऐसे में उनके सामने एक ही चारा बचता है या तो वो बीजेपी में शामिल होकर नत्थन शाह को जिताने के लिए काम करें या फिर निर्दलीय चुनाव लड़ें।