Loksabha Election 2019- The Party with a Difference BJP ने पितामह को किया रिटायर ?

लंबे इंतजार के बाद आखिरकार BJP ने लोकसभा चुनावों के लिए होली के दिन अपनी पहली लिस्ट जारी कर ही दी। लेकिन इस लिस्ट में पार्टी को खड़ा करने और सत्ता के गलियारे में पहुंचाने वाले वरिष्ठतम नेता लालकृष्ण आडवाणी का नाम नदारद है। BJP ने गुजरात की गांधीनगर सीट से 6 बार के सांसद लालकृष्ण आडवाणी के बजाय राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह को टिकट दिया है। पिछले 30 साल में पहली बार ऐसा हुआ है कि BJP आडवाणी के बगैर लोकसभा चुनाव के मैदान में उतरेगी। माना जा रहा है कि टिकट नहीं मिलने के साथ ही BJP के पितामह कहे जाने वाले लालकृष्ण आडवाणी का सियासी सफर समाप्त हो गया है। 2 सांसदों वाली पार्टी BJP को सत्ता के शिखर पर पहुंचाने में लालकृष्ण आडवाणी की अहम भूमिका रही है। 91 साल के हो चुके लालकृष्ण आडवाणी 1970 से संसदीय राजनीति का हिस्सा रहे हैं। लालकृष्ण आडवाणी का चुनावी राजनीति से बाहर होना बीजेपी में एक युग की समाप्ति होने जैसा माना जा रहा है। 2014 में नरेंद्र मोदी के पीएम बनने के बाद से ही आडवाणी बीजेपी में हाशिये पर चल रहे थे। पहले उन्हें मार्गदर्शक मंडल में भेजा गया और अब चुनावी राजनीति से ही बाहर कर दिया गया। जाहिर है कि यह आडवाणी के सक्रिय सियासी सफर की भी समाप्ति है।

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