मध्यप्रदेश कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और गुना सांसद ज्योतिरादित्य सिंधिया को AICC में महासचिव बनाया जाना उनका प्रमोशन है या पनिशमेंट ये सवाल सत्ता के गलियारों में गूंज रहा है। दरअसल दो दिन पहले ज्योतिरादित्य सिंधिया अचानाक पूर्व सीएम शिवराज सिंह चौहान से मिलने उनके बंगले पहुंचे थे। जिसके बाद सियासी हलकों में एक नई खिचड़ी पकने की अटकलें लगाई जाने लगी थीं लेकिन दो दिन बाद ही सिंधिया को AICC महासचिव बनाकर पश्चिमी यूपी की कमान दे दी गई जिससे माना जा रहा है कि ये महाराज को शिवराज से मुलाकात की सजा है। उन्हें एमपी से दूर कर दिया गया है ताकि वे कोई नई सियासी खिचड़ी न पका सकें। हालांकि कांग्रेस के नेता ऐसा नहीं मानते। उनका कहना है कि ये महाराज सिंधिया को यूपी जैसे बड़े राज्य की जिम्मेदारी देकर राष्ट्रीय राजनीति में प्रमोट किया गया है।