#Manavar की घटना के बाद प्रशासन की खामोशी पर उठ रहे सवाल

शर्मसार, शर्मनाक, अमानवीय
ऐसा हर शब्द कम है उस घटना के आगे जो मध्यप्रदेश के धार जिले के मनावर में हुई. इस घटना को जितने वहशियाना तरीके से अंजाम दिया गया. उससे भी ज्यादा शर्मसार करने वाला है इस घटना पर पुलिस प्रशासन का रवैया. जो घटना को अंजाम देने से तो लोगों को रोक ही नहीं सकी. घटना के कई घंटे बाद भी कोई ठोस कार्रवाई नहीं कर सकी. ये घटना सरेआम हुई. पांच सौ लोगों की भीड़ बताई जा रही है. जिसने घेर कर युवक को बेतहाशा पीटा. पर ताज्जुब की पुलिस को कानोंकान भनक तक नहीं लगी. और अब घटना को बारह घंटे से ज्यादा का वक्त बीत चुका है. लेकिन कार्रवाई के नाम पर सिर्फ तीन लोगों को पूछताछ के लिए हिरासत में लिया गया है. जबकि मारपीट करने वालों को पहचानना बिलकुल मुश्किल नहीं है. घटना से जुड़े वीडियोज इतने क्लीयर हैं कि लोगों को आसानी से पहचाना जा सकता है. पर कार्रवाई देखकर अंजाम का अंदाजा लगाया जा सकता है. घटना पर नाराजगी जताने के नाम पर आला अधिकारियों ने संबंधित थाने के टीआई समेत कुछ और पुलिसवालों को निलंबित भी कर दिया है. जिस घटना के वीडियो फुटेज इतने क्लीयर हैं उसकी जांच के लिए एसआईटी भी गठित की गई है. सीएम ने ट्वीट कर खानापूर्ति कर दी कि दोषियों के खिलाफ सख्त कदम उठाए जाएंगे. बीजेपी को राजनीति चमकाने का मौका मिल गया. पूर्व सीएम शिवराज सिंह चौहान ने बिना वक्त गंवाए ट्वीट किया कि घटना दुर्भाग्यपूर्ण है. मध्यप्रदेश में अब जंगलराज आ चुका है. यानि इस घटना ने सियासतदानों को एक मौका और दे दिया है. कांग्रेसी नेता घटना स्थल का दौरा कर रहे हैं अस्पताल में पीड़ितों से मिल रहे हैं. बीजेपी आरोप लगा रही है. पर ठोस कार्रवाई क्या हुई और क्या होगी. इसका जवाब किसी के पास नहीं है.

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