मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान एक बार फिर अपने मंत्रिमंडल का विस्तार करने में सफल नहीं हो पाएंगे. जब से लॉकडाउन में ढील शुरू हुई है तब से ये अटकलें चलती रहती हैं कि मंत्रिमंडल विस्तार अब होगा कि तब होगा. तमाम कोशिशों के बावजूद शिवराज सिंह चौहान मंत्रिमंडल विस्तार करने से चूक रहे हैं. खबरें तो यहां तक हैं कि इस बार बड़ी उम्मीद से दिल्ली गए थे. पूरी लिस्ट लेकर. लेकिन आलाकमान ने उन्हें खाली हाथ भेज दिया. दूसरी तरफ कांग्रेस को भी उस वक्त का इंतजार है जब शिवराज मंत्रिमंडल का विस्तार होगा. और उसके बाद जो लोग असंतुष्ट होंगे उन्हें अपने पाले में मिलाने की कवायद शुरू होगी. यानि पार्टी भीतर पनपने वाले असंतोष से ज्यादा डर कांग्रेस से है. जो बीजेपी को आसानी से तोड़ लेगी और उसके बाद बीजेपी की टूट को उपचुनाव के दौरान भुना भी लेगी. इसलिए बीजेपी ने फिलहाल मंत्रिमंडल विस्तार का मामला ही टाल दिया है. ऐसी खबरें है कि शायद आलाकमान उपचुनाव तक मंत्रिमंडल विस्तार को हरी झंडी न दें. और सिर्फ पांच मंत्रियों के मिनी कैबिनेट के साथ शिवराज जैसे तैसे सरकार चलाते रहें. पर इस मामले में भी फायदा कांग्रेस का ही नजर आ रहा है क्योंकि कांग्रेस बेहद आसानी से ये भी कैश करा सकती है कि बीजेपी सरकार चलाने के लिए मंत्री ही नहीं चुन पा रही है. अब ये देखना दिलचस्प होगा कि कैबिनेट पर शिवराज और बीजेपी क्या फैसला लेती है.
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