मेहगांव में बीजेपी के टिकट से उपचुनाव लड़ने वाले ओपीएस भदौरिया के सामने कांग्रेस का प्रत्याशी कौन होगा. इस सवाल का जवाब अब तक कांग्रेस तलाश रही है. वैसे कांग्रेस के वरिष्ठ नेता अजय सिंह इस सीट से ताल ठोंक चुके हैं. लेकिन उन्हें टिकट मिलना तो तकरीबन नामुमकिन ही है. क्योंकि विंध्य के इस नेता का चंबल में कोई खास ठोस आधार है नहीं. इसके बाद नाम आया चौधरी राकेश सिंह का. जो भिंड के दमदार नेता हैं. और कांग्रेस के पास मेहगांव से लड़ने के लिए एक बेहतरीन विकल्प हो सकते हैं. हालांकि कांग्रेस का एक धड़ा लगातार उनके नाम की खिलाफत कर रहा है. क्योंकि चौधरी भी दल बदल चुके हैं. ऐसे में अजय सिंह और समर्थकों का मत है कि चौधरी को टिकट देने से कांग्रेस अपने दलबदलुओं के मुद्दे को दमदारी से नहीं रख सकेगी. पहले खबर थी कि कमलनाथ खेमा चौधरी राकेश सिंह को ही मैदान में उतारना चाहता है. पर ताजा अपडेट ये है कि चौधरी राकेश सिंह को टिकट मिलने की मंशा पर फिर पानी फिर सकता है. वैसे तो चौधरी राकेश सिंह आला दर्जे के राजनेता हैं. दिग्विजय सिंह की कैबिनेट में मंत्री भी रहे. सरकार बदलने पर उपनेताप्रतिपक्ष और फिर नेता प्रतिपक्ष भी रहे. पर पिछले कुछ समय से उनके संबंध दिग्विजय सिंह से कुछ खास ठीक नहीं चल रहे हैं. बीते दिनों भी वो दिग्विजय सिंह के लिए अनाप शनाप बोल ही चुके हैं. और ये सवाल उठा चुके हैं कि उन्हें टिकट देने या न देने का फैसला करने वाले दिग्विजय सिंह होते कौन है. जिसके बाद से खबर है कि दिग्विजय सिंह और उनके समर्थक चौधरी राकेश सिंह से नाराज चल रहे हैं. और टिकट बांटने का काम दिग्विजय सिंह की मर्जी के बगैर पूरा हो नहीं सकता. लिहाजा कांग्रेस के अंदरखानों में ये चर्चा हो सकता है दिग्विजय सिंह अपनी इनसल्ट को भूल न सकें. और चौधरी राकेश सिंह का पत्ता काट दें.