ऐसा बहुत कम होता है कि किसी की जीत का फायदा विरोधी पार्टी को भी हो। लेकिन ऐसा मध्यप्रदेश में देखने को मिला है। रतलाम झाबुआ संसदीय सीट से बीजेपी के विधायक जीएस डामोर ने चुनाव लड़ा और जीतकर सांसद बन गए। डामोर ने कांग्रेस के कांतिलाल भूरिया को हरा तो दिया लेकिन इससे कांग्रेस को एक फायदा भी हो गया है। कांग्रेस की सरकार कम से कम 6 महीने के लिए तो सुरक्षित हो ही गई है। मध्यप्रदेश विधानसभा में कुल 230 सीटे हैं। अगर जीएस डामोर विधायक पद से इस्तीफा देते हैं तो विधानसभा में विधायकों की संख्या 229 हो जाएगी। विधानसभा का उपचुनाव होने में कम से कम छह माह का समय लग सकता है। और 229 विधायकों के संख्या बल में अगर कांग्रेस को बहुमत सिद्ध करना पड़ा तो उस लिहाज से उसके पास पर्याप्त विधायक हैं और उसे सपा या बसपा के विधायकों से समर्थन भी नहीं लेना पड़ेगा। कांग्रेस के पास 115 विधायकों के संख्याबल के साथ विधानसभा में पर्याप्त सीटें होंगी। वैसे तो फिलहाल कांग्रेस को 121 विधायकों का समर्थन प्राप्त है। इनमें से तीन निर्दलीय, दो बीएसपी और एक एसपी के विधायक शामिल हैं। लेकिन कहा जा रहा था कि कुछ असंतुष्ट विधायक बीजेपी से मिलकर सरकार गिरा सकते हैं लेकिन डामोर के सांसद बनने से कांग्रेस को इस मामले में थोड़ा फायदा होता नज़र आ रहा है।