मध्यप्रदेश में IAS सुधि रंजन मोहंती को चीफ सेक्रेटरी बनाए जाने के मामले में सुप्रीम कोर्ट ने प्रदेश सरकार को नोटिस जारी किया है। दरअसल इंदौर के सीनियर एडवोकेट मनोहर दलाल ने एसआर मोहंती को चीफ सेक्रेटरी बनाए जाने के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में याचिका लगाई थी जिस पर आज सुनवाई हुई और सुप्रीम कोर्ट ने भारत सरकार के सेक्रेटरी, सीबीआई के डायरेक्टर, मध्यप्रदेश सरकार के सामान्य प्रशासन विभाग और वल्लभ भवन के अतिरिक्त मुख्य सचिव, ईओडब्लू के डीजी, सीएस एस आर मोहंती के अलावा पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह को नोटिस जारी करके 6 महीने में जवाब मांगा है। एडवोकेट मनोहर दलाल की ओर से दाखिल याचिका में तीन प्रमुख मांगे हैं-
1- सुधि रंजन मोहंती को चीफ सेक्रेटरी पद से हटाया जाए।
2- MPSIDC में हुए घोटाले की जांच CBI से कराई जाए।
3 – सुधि रंजन मोहंती के खिलाफ विभागीय जांच जारी रखी जाए।
क्या था पूरा मामला-
दरअसल एमपीएसआईडीसी के एमडी रहने के दौरान मोहंती ने 719 करोड़ का कर्ज बिना किसी गारंटी के विभिन्न कंपनियों को बांटा था। नियम विरूद्ध कर्ज बांटने पर मोहंती के खिलाफ 2004 में जांच शुरू की गई थी। ईओडब्लू ने सुप्रीम कोर्ट में अभियोजन दाखिल किया था और विभागीय जांच भी शुरू हुई थी। मोहंती को कोर्ट से राहत मिली थी लेकिन विभागीय जांच में क्लीन चिट नहीं मिली थी। तब मोहंती इस मामले को लेकर कैट में गए थे और 4 दिसंबर को कैट ने फैसला सुनाया था कि मोहंती पर आपराधिक प्रकरण नहीं चलाया जाएगा लेकिन जब तक विभागीय जांच पूरी नहीं हो जाती मोहंती प्रमोशन नहीं ले सकते। लेकिन मोहंती और प्रदेश सरकार ने भी लीगल डिपार्टमेंट से ये बात छिपाई और कैट के फैसले को ताक पर रखते हुए मोहंती को सीएस बना दिया गया। इसी को चुनौती देते हुए इंदौर के मनोहर दलाल ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है। जिसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने प्रदेश सरकार सहित पूर्व सीएम दिग्विजय सिंह को भी नोटिस जारी किया है।