भाजपा के दो विधायकों के पाला बदलने से पार्टी में दिल्ली तक हड़कंप मचा हुआ है… विधानसभा में वोटिंग के दौरान कांग्रेस के पक्ष में दिए वोटों और फिर सीएम कमलनाथ के साथ पत्रकार वार्ता में बैठने वाले नारायण त्रिपाठी और शरद कौल को लेकर देर रात तक पार्टी कार्यालय में मीटिंग चलती रही लेकिन कोई फैसला नहीं हो पाया, जानकारी मिली है कि विधानसभा में इतनी बड़ी चूक के लिए पार्टी संगठन और नेता प्रतिपक्ष गोपाल भार्गव को जिम्मेदार माना जा रहा है, सूत्रों की मानें तो इस घटनाक्रम के बाद बीजेपी में नेता प्रतिपक्ष गोपाल भार्गव को हटाने पर विचार किया जा रहा है…. वहीं प्रदेश अध्यक्ष राकेश सिंह के कामकाज पर भी सवाल खड़े हो रहे हैं… पार्टी आलकमान को फीडबैक दिया गया है कि राकेश सिंह विधायकों और पार्टी कार्यकर्ताओं को साध पाने में असफल साबित हो रहें हैं और अभी भी आधा दर्जन से अधिक विधायक कांग्रेस के संपर्क में हैं… ऐसे ही कुछ बयान कांग्रेस का हर बड़ा नेता देते दिख रहा है….वहीं नेता प्रतिपक्ष गोपाल भार्गव भी अनर्गल बयानबाजी के अलावा कुछ नहीं कर रहे हैं और पार्टी के कई विधायक नेता प्रतिपक्ष बने गोपाल भार्गव से नाराज हैं, ये भी खबर है कि पूर्व सीएम शिवराज सिंह चौहान और प्रदेश अध्यक्ष राकेश सिंह की भी नेता प्रतिपक्ष के साथ पटरी नहीं बैठ रही है…जानकारों का कहना है कि बीजेपी यदि गोपाल भार्गव को नेता प्रतिपक्ष के पद से हटाती है तो इससे पहले नेता प्रतिपक्ष की दौड़ में सबसे आगे रहे नरोत्तम मिश्रा को एक चांस दिया जा सकता है… हालांकि पूर्व सीएम शिवराज की पहली पसंद पूर्व गृहमंत्री भूपेन्द्र सिंह हैं और अगर शिवराज की चली तो भूपेंद्र सिंह अगला नेता प्रतिपक्ष हो सकते हैं।