बीजेपी में शामिल होने के बाद ज्योतिरादित्य सिंधिया पहली बार भोपाल पहुंचे. एयरपोर्ट से लेकर बीजेपी ऑफिस तक सिंधिया के स्वागत की जोरदार तैयारियां तो नजर आई हीं कार्यकर्ताओं का भारी भरकम हुजूम भी उमड़ा. उमड़ना भी तय था महाराजा अपनी दादी की पार्टी में जो लौट रहे थे. पुराने समर्थक शायद इस उत्सुकता में पहुंचे कि कहीं महाराज का प्यार बदल तो नहीं गया और नए कार्यकर्ता शायद महाराज को करीब से देखने कतार में लगे थे. सिंधिया का अंदाज भी जरा बदला बदला था. कांग्रेस की रैलियों में बंधे बंधे सिंधिया यहां वन मैन शो करते नजर आए. भारी भीड़ में भी अपने समर्थकों को पहचाना, गाड़ी से निकल कर गले भी मिले. किसी को फोन करने का इशारा किया तो जिसकी पहुंच उनसे दूर नजर आई उससे इशारे से खुद ही हार मांग लिया. अब सिंधिया का ये अंदाज बदलना समय की डिमांड है या राज्यसभा जाने का रास्ता साफ होने की खुशी या फिर नई पार्टी है तो नया अंदाज रखना जरूरी है. वजह क्या है ये तो सिंधिया ही बेहतर बता सकते हैं पर ये सच है कि ये बदलाव फिलहाल महाराज पर जंच रहा है