मध्यप्रदेश के लगभग 516 सरकारी कालेजों में सहायक प्राध्यापक यानी असिस्टेंट प्रोफेसरों की दस हजार से ज्यादा पोस्ट स्वीकृत हैं और इनमें आधे से ज्यादा खाली पड़ी हुई हैं। इन पदों पर अतिथि शिक्षकों से टीचिंग करवाई जा रही है। उच्च शिक्षा विभाग ने अगस्त 2018 में 2536 सहायक प्राध्यापकों का सिलेक्शन पीएससी के माध्यम से किया लेकिन डाकुमेंट वेरिफिकेशन, पुलिस वेरिफिकेशन जैसी प्रोसेस होने के बावजूद इन लोगों को अभी तक पोस्टिंग नहीं दी गई है। इनमें से अधिकांश प्राइवेट कालेजों में पढ़ा रहे थे लेकिन पीएससी से सिलेक्शन होने के बाद नौकरी छोड़कर बैठे हैं। सिलेक्शन होने के बाद कइयों की शादी तय हो गई थी लेकिन पोस्टिंग नहीं होने से शादी भी टूट रही है। बुधवार को इन सहायक प्राध्यापकों ने भोपाल में कांग्रेस कार्यालय के सामने एक शांति-मार्च निकाला और सीएम से जल्द से जल्द नियुक्ति दिलाने की अपील की।