सांची से कांग्रेस से जीतने वाले डॉ. प्रभुराम प्रत्याशी अब बीजेपी में है. उपचुनाव वाली दूसरी विधानसभा सीटों की तरह यहां भी कांग्रेस के लिए ढेरों मुश्किलें खड़ी हो गई हैं. वैसे तो मुश्किल बीजेपी के लिए भी है क्योंकि अब तक गौरी शंकर शेजवार यहां से चुनाव लड़ते रहे. और फिर उन्होंने ये विरासत अपने बेटे मुदित शेजवार को ट्रांसफर कर दी. लेकिन प्रभुराम चौधरी की एंट्री ने शेजवार पिता पुत्र का सारा खेल बिगाड़ दिया. अब बात कांग्रेस की करते हैं. जो ये सोचकर बैठी थी कि प्रत्याशी ढूंढना मुश्किल होगा. पर हालात एक अनार सौ बीमार जैसे हो गए हैं. जो कांग्रेस नेता कभी पंच या पार्षद तक का चुनाव नहीं जीते वो नेता भी टिकट के लिए दावेदारी पेश कर रहे हैं. कांग्रेस से मदनलाल अहिरवार, किरण अहिरवार, मुन्नीबाई जोहरे, बाबूलाल पंथी, संदीप मालवीय जैसे लोगों ने टिकट के लिए अपना नाम आगे बढ़ा दिया है. इसमें मदनलाल अहिरवार सबसे दमदार माने जा रहे हैं जो स्थानीय प्रत्याशी भी हैं और जिला पंचायत सदस्य, सरपंच रहने के अलावा मंडी प्रतिनिधि भी रह चुके हैं. मजेदार बात ये है कि टीकमगढ़ से चुनाव हार चुकी किरण अहिरवार भी सांची विधानसभा सीट से चुनाव लड़ने में दिलचस्पी ले रही हैं. वैसे तो कांग्रेस ने साफ कर दिया है कि टिकट का बंटवारा आंतरिक सर्वे और जातिगत समिकरणों के आधार पर होगा. फिर भी दावेदारों की भीड़ ने कांग्रेस का टेंशन तो बढ़ा ही दिया है. #mpnews #newslivemp #congress #bjp #sanchividhansabha #kamalnath #drprabhuramchoudhary