चिट्ठी के बाद चिट्ठी, उसके बाद एक और चिट्ठी, जहां जाओ वहां से चिट्ठी, जो मुद्दा मिले उस पर चिट्ठी… अगर इतनी सारी बार चिट्ठी पढ़ कर आप भी हांफने लगें हो तो सोचिए सीएम कमलनाथ का क्या हाल होगा. जिन्हें ज्योतिरादित्य सिंधिया एक ही दिन में न जाने कितनी कितनी चिट्ठियां लिख रहे हैं. लोकसभा चुनाव में अपने ही शिष्य के हाथों करारी शिकस्त मिलने के बाद सिंधिया जबरदस्त तरीके से एक्टिव हैं. लोगों से मिल रहे हैं. सभाएं कर रहे हैं. परेशानियां सुन रहे हैं. और सीधे सीएम के नाम पत्र लिख रहे हैं. अब इस पत्र पॉलिटिक्स की वजह क्या है ये तो सिंधिया ही बता सकते हैं लेकिन अब तक सीएम ने सिंधिया के किसी पत्र का जवाब नहीं दिया है. लेकिन सिंधिया हैं कि मानते नहीं. बस धड़ाधड़ पत्र लिख रहे हैं. सीएम सुने न सुने पर ये तो दिख ही रहा है कि महाराज इल्तजा करना सीख गए हैं. प्रजा के बहाने अपने लिए जीत के संदेसे तैयार कर रहे हैं. ताकि अगली बार मंजिल से चूक न जाएं.