तू डाल डाल तो मैं पात पात, किसी जमाने की ये कहावत, मध्यप्रदेश की सियासत का प्रिय खेल बन गई है. और ये खेल खेल रहे हैं पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान और मुख्यमंत्री कमलनाथ. सारी समस्या की जड़ ये है कि शिवराज ठहरे पांव पांव वाले भईया. और अब तो फुर्सत में भी हैं. तो तेज रफ्तार से हर उस जगह पहुंच जाते हैं. जहां उनसे पहले खुद सीएम को या फिर कमलनाथ सरकार के किसी नुमाइंदे को पहुंचना चाहिए. और सीएम कमलनाथ ठहरे कॉरपोरेट कल्चर वाले मुख्यमंत्री. वो जब तक कहीं जाने की पुख्ता प्लानिंग करते हैं. उससे पहले वहां पहुंच कर शिवराज मजमा लूट ले जाते हैं. अब मंदसौर का ही किस्सा ले लीजिए. यहां तो शिवराज ने जैसे डेरा ही जमा दिया है. और अब तैयारी है सरकार की सद्बुद्धि के लिए भजन कीर्तन करने की. शिवराज चौबीस घंटे तक मंदसौर में सद्बुद्धि के लिए भजन कीर्तन करेंगे. 21 सिंतबर सुबह दस बजे से 22 सितंबर तक शिवराज का भजन कीर्तन चलेगा. मजेदार बात ये है कि इसके बमुश्किल चौबींस घंटे बाद सीएम यहां पहुंचेंगे और लोगों के दुख दर्द साझा करेंगे. तो इसे क्या कहेंगे. शिवराज चाहें तो क्रेडिट ले सकते हैं कि उनके यज्ञ के बाद सरकार को सद्बुद्धि मिली. अब देखना दिलचस्प होगा कि अनुभवी कमलनाथ शिवराज के इस दांव को कैसे पलटते हैं. न्यूज लाइव एमपी डेस्क.