अभी उपचुनाव में क्या होगा. कांग्रेस को इसी बात का पता नहीं है लेकिन साल 2023 में होने वाले विधानसभा चुनाव की तैयारी अभी से शुरू हो गई है. मजेदार बात ये है कि तैयारी जमीनी स्तर से शुरू नहीं हुई है. बल्कि बात सीधे मुख्यमंत्री पद को लेकर हो रही है. कांग्रेस में गुटबाजी कितनी है ये किसी से छिपा नहीं है. उस गुट में से एक ज्योतिरादित्य सिंधिया का गुट तो फिलहाल खत्म हो गया है. लेकिन कमलनाथ और दिग्विजय चाहें जितना भी साथ दिख लें. सच्चाई सब जानते हैं. दोनों का गुट पार्टी में अलग अलग है. और अब दोनों अपने अपने गुट के चेहरे को मुख्यमंत्री के रूप में प्रोजेक्ट करने में जुट गए हैं. दिग्विजय सिंह खेमे ने जयवर्धन सिंह को पांच साल बाद का मुख्यमंत्री बनाने की तैयारी शुरू कर ली है. इस आशय के पोस्टर भी एक बार लग ही चुके हैं. हालांकि खुद जयवर्धन सिंह ने उसका खंडन कर दिया था. अब दिग्विजय सिंह अपनी मंझी हुई कूटनीति के जरिए जयवर्धन को आगे बढ़ा रहे हैं. पर खतरे को भांप कर कमलनाथ ने एकदम आगे निकलते हुए अपने बेटे नकुलनाथ को सीएम बनाने की तैयारी शुरू कर दी है. प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष होने के नाते उनके पास अधिकार था इसलिए अपने बेटे नकुलनाथ को पार्टी का युवा चेहरा घोषित कर दिया. जिसके बाद खुद नकुलनाथ ने ये ऐलान कर दिया उनके नेतृत्व में ही कांग्रेस के युवा नेता काम करेंगे. प्रदेश कांग्रेस से जुड़े किसी मसले पर नकुलनाथ ने पहले बार खुलकर कुछ बोला. पर अब देखना ये है कि सूबे के मुखिया की कुर्सी की दौड़ में कौन जीतता है. दिग्विजय के राजकुंवर या फिर कमलनाथ की कमान में नकुलनाथ. #newslivemp #mpnews #bjp #congress #jaivardhansingh #nakulnath #digvijaysingh #kamalnath #upchunav2020 #byelection2020