सरकारी स्कूलों की दुर्दशा पर कई बार खबरें बन चुकी हैं और हर सरकार में सरकारी स्कूलों की दशा सुधारने के दावे किए जाते हैं लेकिन अभी तक कोई सुधार नजर नहीं आया है। खासतौर पर ग्रामीण इलाकों के स्कूलों का तो लगता है भगवान ही मालिक है। बात हो रही है विदिशा के ग्राम डावर के सरकारी स्कूल की जहां पर पीने के पानी का कोई इंतजाम नहीं है और बच्चे अपनी जान जोखिम में डालकर एक खतरनाक टूटे हुए कुंए से पीने का पानी लाने को मजबूर हैं। इस कुएं में कोई मुंडेर नहीं है और यह काफी गहरा बताया जाता है। ऐसे में कभी भी दुर्घटना होने की आशंका बनी रहती है। वहीं जब इस बारे में स्कूल के हेड मास्टर से सवाल किया गया तो उन्होंने बड़े आराम से कहा कि स्कूल का हैंडपंप खराब है। मजे की बात ये है कि हेड मास्टर साहब ने हैंडपम्प सुधरवाने के लिए कोई कोशिश भी नहीं की है। ऐसे में अगर किसी दिन कोई दुर्घटना होती है तो उसका जिम्मेदार कौन होगा।