ज्योतिरादित्य सिंधिया नहीं मानेंगे. जब तक सोनिया गांधी उनके नाम का एलान नहीं कर देती तब तक सिंधिया चुप बैठने वाले नहीं है. अभी तो उन्होंने प्रदेश के धुआंधार दौरे शुरू किए हैं. ये दौरे प्रदेश में सिर्फ कांग्रेस की स्थिति मजबूत करने के लिए नहीं है. बल्कि इनके जरिए सिंधिया कर रहे हैं शक्तिप्रदर्शन. ताकि दिल्ली दरबार में जब जब पीसीसी चीफ की बात हो एक ही नाम गूंजे. सिंधिया, सिंधिया, और सिर्फ सिंधिया. इंदौर में उनकी आमद भी इसी गूंज के साथ हुई. पार्टी में अपनी साख जताने के लिए सिंधिया ने सबसे पहले इंदौर में कार्यकर्ताओं से मुलाकात की. उनकी मुलाकात जिस जगह थी वो गार्डन उनके पिता माधव राव सिंधिया और सीएम कमलनाथ के बड़े बड़े पोस्टर से सजी थी. इसके बाद सिंधिया पहुंचे ग्वालियर. ये तो सभी जानते हैं कि ग्वालियर और चंबल का बड़ा हिस्सा सिंधिया का गढ़ है. ग्वालियर में उनका स्वागत जोरदार हुआ. सभागार भी खचाखच भरा ही नजर आया. पहले ही दिन सिंधिया ने जता दिया कि उन्हें कम आंकने की गलती महंगी पड़ सकती है. एक चुनाव वो भले ही हारें हो लेकिन महाराज तो वो अब भी हैं. न्यूज लाइव एमपी.कॉम डेस्क