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दुनियाभर में कोरोना फैलाने के आरोप में चीन पर हर देश आंखे तरेर रहा है. कई देश चीन से छिटक रहे हैं और भारत की झोली में गिर रहे हैं. लेकिन इन चंद नए दोस्तों के बदले में भारत अपना बहुत पुराना दोस्त खो सकता है. ये दोस्ती वर्ल्ड वॉर के वक्त से हैं. और ये दो देश हैं भारत और रूस. जिनकी दोस्ती की अब तक दुनिया कसमे खाती रहीं. लेकिन अब चीन इन दोनों दोस्तों की वजह से दीवार बन गया है. वैसे सिर्फ चीन ही नहीं. इस दोस्ती पर जिसने सबसे ज्यादा असर डाला है वो है अमेरिका. भारत के पीएम नरेंद्र मोदी और अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के बीच बढ़ती दोस्ती ने रूस को भारत से दूर कर दिया है. क्योंकि रूस और अमेरिका कभी मित्र नहीं रहे. रूस ने खुद इस तरफ इशारा किया है. रूस के फेडरेशन काउंसिल इंटरनेशनल अफेयर कमिटि के प्रमुख और सांसद कॉन्सटैनटिन कोसाचेव ने कहा है कि चीन को निशाना बनाने की साजिश रचने वाले किसी भी समूह में रूस कभी शामिल नहीं होगा. इसे अगर रूस का अधिकारिक वर्जन मान जाए तो साफ है कि भारत भी अगर चीन के खिलाफ कोई बड़ा कदम उठाता है तो रूस भारत की मदद के लिए आगे नहीं आएगा. जिसका यही मतलब निकलता है कि जरूरत पड़ने पर दोस्त, दोस्त के काम नहीं आएगा.