मध्यप्रदेश की 230 विधानसभा में दो स्थान रिक्त हैं. छह विधायकों के इस्तीफे भी मंजूर किए जा चुके हैं. इस हिसाब से मध्यप्रदेश विधानसभा में अब बीजेपी के 107, कांग्रेस के 108, बीएसपी के दो, एसपी का एक और निर्दलीय के चार विधायक हैं. यानी विधानसभा में सदस्यों की कुल संख्या 222 रह गई है. लिहाजा बहुमत के लिए 112 विधायकों की जरूरत होगी. इस तरह कांग्रेस के पास चार विधायक कम हैं और बीजेपी के पास पांच विधायक कम हैं. कांग्रेस के पास एसपी, बीएसपी और निर्दलीयों को मिलाकर कुल सात अतिरिक्त विधायकों का समर्थन हासिल है. यदि यह स्थिति रहती है तो कांग्रेस के पास कुल 114 विधायकों का समर्थन होगा. लेकिन बेंगलुरू में मौजूद 16 विधायक अगर इस प्रक्रिया में शामिल नहीं होते हैं तो कांग्रेस के विधायकों की संख्या 92 ही रह जाएगी. और बीजेपी के पास 107 विधायक होंगे. उस स्थिति में सदन में कुल विधायक 206 रह जाएगी और बहुमत का आंकड़ा 104 पर आ जाएगा. ऐसे में बीजेपी फ्लोर टेस्ट में बाजी मार सकती है.