कोरोना के लगातार बढ़ते आंकड़े और उससे मौत का सिलसिला महाराष्ट्र में थमा नहीं है। प्रदेश की उद्धव ठाकरे सरकार की मुसीबत बढ़ाने के लिए इतना ही काफी नहीं था। अब एक और नई समस्या ठाकरे सरकार के सामने खड़ी हो गई है । यह समस्या है मुस्लिम कम्युनिटी में फैलता हुआ कोरोना का संक्रमण। जो आंकड़े हैं वह चौकानेवाले हैं राज्य में 3 मई तक 548 मौतें हुई चौंकाने वाली बात यह है कि इसमें से 239 मौतें सिर्फ मुसलमानों की हैं। जो 3 मई तक हुई मौतों का 44 फ़ीसदी है चौंकाने वाली बात ज्यादा इसलिए है क्योंकि पूरे राज्य में मुस्लिमों की आबादी 12 फ़ीसदी है। ऐसे में इस आंकड़े को नजरअंदाज करना सरकार के लिए मुश्किल है। अब सबसे बड़ी समस्या यह है कि इस कम्युनिटी को समझाएं कैसे। लिहाजा उद्धव सरकार ने इमाम और मौलवियों से मदद लेने का फैसला किया है और इस आशय के निर्देश जारी कर दिए हैं कि मुस्लिम कम्युनिटी को समझाने के लिए उनकी मदद की जाए। इसके बाद दूसरा सवाल उठा कि इसी समुदाय में इतना ज्यादा कोरोना क्यों । उसका सबसे बड़ा रीजन निकल कर आया खाड़ी देशों से लौट कर आने वाले लोग। उनसे पहले ही खाड़ी देशों से कई लोग लौटकर मुंबई में आए जो बाद की नमाज में भी शामिल होते रहे। माना जा रहा है कि उनकी वजह से उनके बीच कोरोना इतनी तेजी से फैला । दूसरा बड़ा कारण यह है कि कुछ लोग ऐसी बस्तियों में रहते हैं जहां एक एक घर में आठ सदस्यों का परिवार है या सोशल डिस्टेंसिंग दूर घर में भी दूर बैठ पाना संभव नहीं है। इस वजह से भी उद्धव सरकार की मुश्किलें बढ़ती जा रही हैं।