कुछ दिन पहले महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने पीएम नरेंद्र मोदी से फोन पर बात की थी. बातचीत का संदर्भ प्रदेश की मुखिया की कुर्सी से जुड़ा था. अपनी कुर्सी बचाने के लिए ठाकरे ने पीएम को फोन किया और देखिए महाराष्ट्र चुनाव में शिवसेना ने जो दगा किया उसे भुलाते हुए पीएम मोदी ने दोस्ती का फर्ज निभाया. और ठाकरे की कुर्सी बचा दी. दरअसल सीएम उद्धव ठाकरे बिना चुनाव जीते कुर्सी पर काबिज हुए हैं. नियमानुसार छह माह के भीतर उन्हें चुनाव जीत कर या विधानपरिषद में चुनकर सदन तक पहुंचना था. चुनाव लड़ने का रास्ता उन्होंने नहीं चुना और विधानपरिष्द के भरोसे रहे. जिसके चुनाव तीन अप्रैल को होना थे. पर कोरोना के चलते चुनाव टल गए. अब ठाकरे के सामने मुश्किल थी कि अगर 28 मई से पहले वो सदन तक नहीं पहुंचे तो इस्तीफा देना पड़ता. उसके बाद सरकार बचाने की स्थिति बेहद जटिल थी. लिहाजा राज्यपाल बीएस कोश्यारी से मुलाकात की. वहां प्रयासों में कोई कमी न रह जाए इसलिए पीएम मोदी से भी फोन पर चर्चा की. बताया जाता है कि पीएम ने मदद का आश्वासन भी दिया. और देखिए चंद ही रोज में खबर आ गई कि महाराष्ट्र में विधानपरिषद के चुनाव 21 मई को ही हो जाएंगे. वैसे जल्दी चुनाव कराने के लिए राज्यपाल ने भी चुनाव आयोग को पत्र लिखा था. जिसके बाद आयोग ने ये तारीख तय की. यानि मियाद पूरी होने से पहले ठाकरे सदन पहुंच जाएंगे.