#mp
#shivraj
#scindia
कमलनाथ सरकार को गिराकर मध्यप्रदेश में एक बार फिर बीजेपी की सरकार बनी. उस वक्त ये खबर थी कि इस बार प्रदेश की कमान किसी के भी हाथ में हों लेकिन शिवराज सिंह चौहान के हाथ में नहीं होगी. सूबे के मुखिया के लिए कई नाम सामने आए जिसमें नरोत्तम मिश्रा, नरेंद्र सिंह तोमर, तत्कालीन नेताप्रतिपक्ष गोपाल भार्गव का नाम शामिल था. लेकिन सबसे आगे था नरेंद्र सिंह तोमर का नाम. तय माना जा रहा था कि इस बार प्रदेश के मुखिया तोमर ही होंगे. जिन्होंने सरकार गिराने में पर्दे के पीछे रह कर अहम भूमिका अदा की है. लेकिन कमान मिली शिवराज सिंह चौहान को. कयास लगाए जा रहे हैं कि इसके पीछे ज्योतिरादित्य सिंधिया एक बड़ी वजह हैं. क्योंकि सिंधिया नहीं चाहते थे कि ग्वालियर चंबल में उनके कद का कोई नेता रहे. ऐसे में उन्होंने सीएम के पद के लिए शिवराज के नाम का ही समर्थन किया जिसकी वजह से ये पद तोमर के हाथ से निकल गया.