यूं तो मध्यप्रदेश में सरकार बचाने के लिए सियासी उठापटक जारी है. इसके बीच में ये कहा जा रहा है कि ज्योतिरादित्य सिंधिया गुट को साधने के लिए सिंधिया की मांग पूरी करने के लिए कमलनाथ पहल कर सकते हैं. यानि सिंधिया को अब वो पद मिल सकता है जिसके लिए वो पिछले एकसाल से दिल्ली से लेकर भोपाल तक की दौड़ लगा रहे हैं. लेकिन कमलनाथ और दिग्विजय सिंह ने उनकी दाल नहीं गलने दी. पर सरकार पर आफत आई तो दोनों सिंधिया की बात मान लेंगे ऐसा तय माना जा रहा था. लेकिन अब सूत्रों के हवाले से एक बार फिर ये खबर आ रही है कि कमलनाथ अब भी सिंधिया को प्रदेशाध्यक्ष का पद नहीं देंगे. उसकी जगह सिंधिया को राज्यसभा भेजे जाने की तैयारी है. अब ये पता नहीं कि सिंधिया इस पद से खुश होंगे या नहीं. क्योंकि राज्यसभा जाकर उन्हें सांसद का पद तो मिल जाएंगा लेकिन प्रदेश से उनका दखल पूरी तरह खत्म हो जाएगा. देखना ये है कि सिंधिया इस पद से संतुष्ट होंगे या अपनी जिद पर अड़े रहेंगे.