मौका नागपंचमी का था. तो मध्यप्रदेश की सियासत ने भी जरा ज्यादा ही जहरीला रंग अख्तियार कर लिया. शुरूआत हुई कांग्रेस नेता अरूण यादव के ट्वीट से जिन्होंने नागपंचमी की शुभकामनाओं वाले ट्वीट में फोटो लगाई ज्योतिरादित्य सिंधिया की. पर दिन गुजरते गुजरते डंसने डसाने का खेल मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान तक पहुंच गया. जिनकी रिपोर्ट कोरोना पॉजीटिव आई. जिसके बाद वो अस्पताल में भर्ती होने पहुंचे. पहले तो कांग्रेसियों ने उनकी सेहत के लिए शुभकामनाएं दी. पर बाद में ये याद दिलाने से भी नहीं चूके कि सीएम ने कोरोना काल में कितनी लापरवाहियां की हैं. दिग्विजय सिंह ने तो पुराने जख्मों को हरा कर दिया. और ट्वीटर कर बताया कि उन पर तो नियम तोड़ने पर एफआईआर हो गई थी पर पुलिस मुखिया पर कार्रवाई करने से बेजार है. पूर्व सीएम कमलनाथ ने भी ट्वीट किया. जिसमें पहले तो उनकी सेहत की कामना की. पर अगले ही ट्वीट में याद दिला दिया कि सरकार गिरने गिराने के समय पर कोरोना की फिक्र की होती तो ये हालात नहीं होते. उनके अलावा कांग्रेस नेता विवेक तनखा ने भी ट्विटर पर बयान जारी किया. और बीजेपी को हिदायत दी कि कोरोना के दौर में अपना रवैया सुधारें. बड़े नेताओं के बीच कांग्रेस के प्रवक्ताओं ने भी तंज करने में कोई कसर नहीं छोड़ी. नरेंद्र सलूजा ने लिखा कि दम है तो कमलनाथ की तरह सरकारी अस्पताल में इलाज करवाओ. इस बीच इमरती देवी ने पुरानी जंग वापस शुरू कर दी और अरूण यादव को जवाब दिया कि महाराज सिंधिया नाग नहीं टाइगर हैं. जो प्रदेश की सियासत में दहाड़ने वाले हैं. नागपंचमी के मौके पर कोरोना का दंश बीजेपी को सालता रहा. और कांग्रेस ने डंसने में कोई कसर नहीं छोड़ी.