डोनाल्ड ट्रंप रहेंगे या जाएंगे ये एक बड़ा सवाल है. वैसे हाउस ऑफ रिप्रेजेंटेटिव में ट्रंप को झटका लग चुका है. यहां महाभियोग के समर्थन में 229 वोट पड़े जबकि विरोध में 197 वोट डले. अब ये प्रस्ताव अमेरिकी सीनेट में रखा जाएगा. जहां सौ सीटें हैं. ट्रंप की रिपब्लिकन पार्टी के पास इसमें से 53 सीटें हैं. लिहाजा प्रस्ताव गिरने की संभावना ज्यादा है क्योंकि समर्थन में कम से कम 67 प्रतिशत वोट जरूरी हैं. अब सीनेट तय करेगा की ट्रंप का भविष्य क्या होता है. वैसे आपको बता दें कि ट्रंप पहले राष्ट्रपति नही हैं जिन पर महाभियोग लगा है. उनसे पहले 1868 में तत्कालीन राष्ट्रपति जॉनसन के ख़िलाफ़ महाभियोग. 1998 में बिल क्लिंटन के खिलाफ़ महाभियोग. महाभियोग के बावजूद जॉनसन, क्लिंटन पद पर बने रहे. 1974 में राष्ट्रपति रिचर्ड निक्सन ने इस्तीफ़ा दिया. निक्सन के खिलाफ़ महाभियोग लाया जाना था