इसे कांग्रेस की गुटबाजी की एक और बानगी ही कहेंगे. या प्लानिंग और टीम वर्क की इतनी कमी कि कब क्या बयान देना है ये खुद कांग्रेस के विधायकों को नहीं मालूम. वो भी उन विधायकों को जो बीजेपी की हॉर्स ट्रेडिंग के शिकार बताए जा रहे हैं. जैसे जैसे वक्त गुजर रहा है विधायकों की खरीद फरोख्त के सियासी खेल से पर्दा उठता जा रहा है. नया राज खोला है बीसपा विधायक संजीव कुशवाहा का. जो फिलहाल कांग्रेस सरकार को समर्थन दे रहे हैं. उनका नाम लेकर भी कांग्रेस ने बीजेपी पर आरोप लगाया कि संजीव कुशवाहा को बीजेपी ने गायब किया है. लेकिन खुद कुशवाहा ने ऐसा बयान दिया है जिसे सुनकर बीजेपी को तो क्लीनचिट मिलती है लेकिन आरोपों को सुई कांग्रेस की तरह घूम जाती है. कुशवाहा ने कहा है कि उन्हें बीजेपी ने बंधक नहीं बनाया था बल्कि दिल्ली वो अपने काम से गए थे. इस बातचीत में कुशवाहा ने प्रदीप जायसवाल को ऐसा चूहा बताया जो जहाज को संकट में देख सबसे पहले उसे छोड़ कर चला जाता है. अब कुशवाहा वाकई सच बोल रहे हैं या दोनों नावों की सवारी कर रहे हैं ये तो वही बेहतर बता सकते हैं. पर डूबने से पहले उन्हें भी एक नाव को चुनना ही होगा.