मध्यप्रदेश में बीजेपी विपक्ष का काम करे या न करे लेकिन कांग्रेस की कमलनाथ सरकार को विपक्ष की कमी महसूस नहीं होगी. क्योंकि उनके साथी ज्योतिरादित्य सिंधिया ही गाहे बगाहे विपक्ष की तरह काम करने लगते हैं. मंदसौर में भी कुछ ऐसा ही नजारा नजर आया. जहां सिंधिया खुद अपनी ही सरकार की बखिया उधेड़ते नजर आए. पहले तो उन्होंने ये साफ कर दिया कि वो खुद उस सर्वे से खुश नहीं है जो उनके ही सरकार के मातहत काम कर रहे अफसरों ने करवाया है. इसके बाद भी ज्योतिरादित्य सिंधिया शांत नहीं हुए. और सरकार को ये चेतावनी भी दी कि शासन प्रशासन को अन्नदाता के साथ खड़े होना ही होगा. हालांकि वो बीच बीच में शिवराज सिंह चौहान पर भी निशाना साधना नहीं भूले. वो लगातार ये कहते रहे कि प्रदेश में राजनीति करने की जगह वो केंद्र सरकार से पैसे लाकर दें. वैसे सिंधिया का ये मूव है तो काबिले तारीफ. पर ये भी तो गलत नहीं है कि वो चाहें अनचाहे अपनी ही सरकार को घेर लेते हैं. क्या इसे उनकी नाराजगी मानी जाए या प्रदेश में मजबूति छवि गढ़ने की कोशिश.