MP के चीफ सेक्रेटरी एस आर मोहंती एक बार फिर मुसीबत में घिरते नजर आ रहे है। 1993 से 2003 के बीच मध्यप्रदेश राज्य औघोगिक विकास निगम ने जो इन्टर कार्पोरेट डिपाजिट लोन बांटे थे उसके मामले में भोपाल के इक्कीसवें अपर सत्र न्यायाधीश एंव विशेष न्यायाधीश एम. पी एंव एम.एल.ए भोपाल ने EOW, मध्यप्रदेश सरकार सहित अन्य लोगो को नोटिस जारी कर 9 अप्रेल को जवाब मांगा है ।
सीनियर एडवोकेट मनोहर दलाल ने आईपीसी की धारा 156(3) के तहत कोर्ट में एप्लिकेशन पेश किया था। आपको बता दें कि मध्यप्रदेश राज्य औघोगिक विकास निगम यानी एमपीएसआईडीसी ने 17 से लेकर 20 फीसदी सालाना ब्याज की दर से उद्योगपतियों को व्यक्तिगत ग्यारंटी पर करोडो रुपये के लोन बांट दिये थे। बाद में लोन न चुकाने पर इन उघोगपतियों के साथ एक मुश्त समझौते के तहत ब्याज दर घटा कर 1 प्रतिशत सालाना कर दी गई और सरकार को करोड़ों रुपयों का नुकसान पहुँचाया गया । न्यायालय में अपीलकर्ता ने तर्क प्रस्तुत किया हैं कि EOW यानी कि मध्यप्रदेश राज्य आर्थिक अपराध अन्वेषण ब्यूरो इस मामले की जांच को दूषित करने की कोशिश कर रहा है और अपराधियों को छलपूर्वक दोषमुक्त करने की साजिश कर सकता है । कोर्ट ने इस मामले में सभी अनावेदकों को नोटिस जारी किया है और 9 अप्रेल तक जवाब मांगा है।