मध्यप्रदेश में 13 साल मुख्यमंत्री रहे शिवराज सिंह को गुरुवार को सदन में वो दिन देखना पड़ा जिसकी उन्होंने भी कल्पना नहीं की होगी। शिवराज को सदन में बोलने नहीं दिया गया, यही नहीं पूर्व विधानसभा अध्यक्ष सीताशरण शर्मा को भी नहीं बोलने दिया गया। इसके बाद विपक्ष ने जमकर हंगामा किया और सदन की कार्रवाई का बायकॉट कर दिया। इससे पहले कांग्रेस नेत्री हिना कांवरे को बगैर चुनाव कराए ही अध्यक्ष चुन लिया गया जिससे बिफरा विपक्ष अब राष्ट्रपति के पास जाकर शिकायत करने की बात कह रहा है। विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष गोपाल भार्गव और शिवराज ने पीसी करके कांग्रेस और विधानसभा अध्यक्ष एनपी प्रजापति पर सदन की परंपरा तोड़ने का आरोप लगाया। दोनों का कहना है कि अध्यक्ष और उपाध्यक्ष का चुनाव संवैधानिक तरीके से नहीं हुआ है।