किसके बुरे वक्त की बात कर रहे हैं जीतू पटवारी?

किसके बुरे वक्त की बात कर रहे हैं जीतू पटवारी?

मंत्री जीतू पटवारी के ट्वीट पर सवाल जीतू पटवारी ने ट्वीट की कविता जीतू ने लिखा वक्त बुरा जरूर है पर बीत जाएगा

कांग्रेस के नेताओं को इन दिनों कविता और शेरो शायरी का शौक चढ़ा हुआ है। शुक्रवार को ज्योतिरादित्य सिंधिया का शेर सोशल मीडिया पर काफी देखा सुना गया था जिसमें सिंधिया ने कहा था कि आंधियों की जिद है जहां बिजलियां गिराने की हमारी भी जिद है वहां आशियां बनाने की, असूलों पर आंच आए तो टकराना जरूरी है, अगर जिंदा हो तो जिंदा नजर आना जरूरी है। अभी सिंधिया के इस शेर का मतलब निकाला ही जा रहा था कि कैबिनेट मंत्री जीतू पटवारी ने भी एक कविता अपने ट्विटर अकाउंट पर पोस्ट कर दी- जीतू ने लिखा है-
वक्त बुरा जरूर है,
पर बीत जायेगा,
चिंतन भविष्य का,
तुझे पल-पल सताएगा,
कुछ आस टूटेंगी,
कुछ ख्वाब बिखर जाएंगे,
सैलाब में आंसुओ के,
कुछ दर्द छिप जायेंगे,
तूने जो सोचा है,
वो पल भी आएगा,
वक्त बुरा जरूर है,
पर बीत जाएगा।

जय काँग्रेस

अब इस कविता के जरिए जीतू पटवारी खुद के बुरे वक्त की बात कर रहे हैं, कांग्रेस के बुरे वक्त की बात कर रहे हैं या इन जनरल सबको नसीहत दे रहे हैं इसको लेकर कयास लगाए जा रहे हैं।

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